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The Mahavidyas can be a profound expression in the divine feminine, each representing a cosmic purpose along with a path to spiritual enlightenment.

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

Goddess is popularly depicted as sitting down on the petals of lotus that is definitely kept about the horizontal entire body of Lord Shiva.

सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।

When Lord Shiva heard in regards to the demise of his wife, he couldn’t Handle his anger, and he beheaded Sati’s father. Nevertheless, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s lifestyle and bestowed him that has a goat’s head.

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

The trail to enlightenment is commonly depicted being an allegorical journey, Using the Goddess serving given that the emblem of supreme energy and Strength that propels the seeker from darkness to gentle.

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में click here – tripura sundari kavach

कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥

, type, through which she sits atop Shivas lap joined in union. Her qualities are limitless, expressed by her five Shivas.  The throne on which she sits has as its legs the 5 sorts of Shiva, the famous Pancha Brahmas

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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